बाल विवाह : छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी, महिला बाल विकास विभाग ने बनायी जांबाज टीम

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बाल विवाह : छत्तीसगढ़ में ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी, महिला बाल विकास विभाग ने बनायी जांबाज टीम

रायपुर। जिला प्रशासन बलौदाबाजार-भाटापारा की त्वरित कार्रवाई से बाल विवाह के तीन मामलों को रोका गया। कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी टी. जाटवर और जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश दास के नेतृत्व में गठित टीम ने पलारी विकासखंड के ग्राम ओडान, मुडपार और कोसमंदी में कार्रवाई करते हुए तीन नाबालिगों की शादियाँ रोकीं। इस टीम में जिला बाल संरक्षण इकाई, एकीकृत बाल विकास परियोजना पलारी और पुलिस विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि यदि उन्हें कहीं भी नाबालिग बच्चों की शादी होने की सूचना मिले, तो तुरंत प्रशासन या चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित करें, ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके।

घर बसाने की इतनी बेताबी…?
प्राप्त जानकारी के अनुसार पलारी विकासखंड के ग्राम ओडान में 19 वर्षीय लड़के का विवाह होने वाला था, जिसे समय रहते रोका गया। मुडपार में 20 वर्षीय नाबालिग लड़के की शादी प्रशासन ने रुकवाई। वहीं, ग्राम कोसमंदी में 17 वर्ष 9 माह की एक लड़की की शादी रोकी गई, जो वैधानिक विवाह की न्यूनतम उम्र से कम थी।

ज्ञान वितरण के बाद वचन भी लिया
महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने बच्चों और उनके माता-पिता को बाल विवाह के दुष्परिणामों की जानकारी दी। टीम ने बताया कि लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष निर्धारित है। इससे कम उम्र में विवाह करना न सिर्फ कानूनी अपराध है, बल्कि यह बच्चों के स्वास्थ्य और भविष्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। स्थानीय ग्रामीणों की उपस्थिति में माता-पिता को घोषणा पत्र एवं राजीनामा पत्र पर हस्ताक्षर कराए गए, जिसमें उन्होंने नाबालिग अवस्था में विवाह न कराने का वचन दिया।

इस जांबाज टीम ने की ताबड़तोड़ छापामार कार्रवाई
इस कार्रवाई में संरक्षण अधिकारी दीपक राय, सामाजिक कार्यकर्ता शाहनवाज, आउटरीच वर्कर प्रभा जांगड़े, सुपरवाइजर स्वाति जायसवाल, चाइल्ड हेल्पलाइन से मीरा साहू और थाना पलारी की पुलिस टीम मौजूद थी। इस कार्रवाई में क्या ग्रामीणों की भी मदद मिली, क्या स्वयंसेवी कार्यकर्ताओं अथवा स्थानीय संस्थाओं ने भी कोई सहायता की, इन सवालों के जवाब सामने नहीं आये हैं. फिलहाल इतना ही पता चला है कि कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी टी. जाटवर और जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश दास के नेतृत्व में गठित इस टीम की बैक टू बैक कार्रवाई से बाल विवाह करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है, और वे बाल विवाह नहीं कर पा रहे हैं।

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