रायपुर. छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव 2025 के लिए आज 11 फरवरी 2025 को प्रदेश के विभिन्न नगरों में मतदान जारी हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों से अलग-अलग तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आ रही है. कहीं उत्साह, तो कहीं अनुशासन, कहीं अव्यवस्था तो कहीं जागरूकता के नजारे दिख रहे हैं. इस बीच राजधानी रायपुर के रमन मंदिर वार्ड से जो तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है, वह हैरान करने वाली है.
इस हैरत की वजह है, छत्तीसगढ़ी सिनेमा के डायरेक्टर और आलाप आर्टिस्ट एसोसियेशन के अध्यक्ष अनुमोद राजवैद्य के फेसबुक वॉल पर एक मौजूद एक पोस्ट. पोस्ट में अनुमोद राजवैद्य लिखते हैं :-
“ये रमन मंदिर वार्ड रायपुर में चुनाव आयोग की व्यवस्था है अभी दिन के 11.30 पर वोट देने आया हूं।
चुनाव आयोग से कोई भी जिम्मेदार यहां नहीं बैठा है। जो पर्ची दे जिससे वोट डाला जा सके।
घर पर कभी भी पर्ची नहीं देते।
बस विज्ञापन करते हैं वोट देना तुम्हारा अधिकार है वोट अवश्य दें ।
अब बताओ बिना पर्ची के कैसे वोट दें।
और किससे बात करें।
स्टेशन के पास गुजराती धर्मशाला बूथ में वोट डालने आया हूं।”

अनुमोद अपनी इस पोस्ट के साथ कुछ तस्वीरें भी पोस्ट करते हैं, जिसमें पोलिंग बूथ के डिटेल के साथ खाली कुर्सियां भी दिख रही हैं. असल में, अनुमोद राजवैद्य राजधानी के जिस कॉलोनी में निवास करते हैं, वह इसी वार्ड के अंतर्गत है. वार्ड के मतदाता होने के कारण वे नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद और महापौर चुनने के लिए मतदान केंद्र पहुंचे. उसी मतदान केंद्र परिसर से उन्होंने यह पोस्ट किया.
फेसबुक वॉल पर उनके पोस्ट के चर्चा में आने के बाद VDOTab ने उनसे इस बाबत पुष्टि के लिए बातचीत की. अनुमोद राजवैद्य बताते हैं कि सुबह 11.30 बजे वह मतदान केंद्र पहुंचे थे, जहां एक से अधिक बूथ हैं. कुछेक बूथ में इक्के-दुक्के कर्मचारी दिखे, कुछ संख्या में मतदाता भी. लेकिन एक बूथ में तो एकदम सन्नाटे सा माहौल था. मतदान संबंधी जानकारी देने अथवा मदद करने तक के लिए वहां कोई कर्मचारी नहीं मिला, तब अनुमोद दुखी हुए, और वहीं से तस्वीरें लेकर उसी समय उन्होंने यह जानकारी फेसबुक पर साझा की.
लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदान जरूरी है. निर्वाचन आयोग का दावा है कि मतदान केंद्रों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई है, ताकि हर मतदाता सुविधापूर्वक मतदान कर सके. लेकिन रमन मंदिर वार्ड की यह तस्वीर उस दावे की पोल खोलती है. राष्ट्रीय महत्व के कार्य के प्रति बेखौफ लापरवाही की यह ताजी तस्वीर शर्मनाक इसलिए भी है कि यह राजधानी की है, जहां आयोग ही नहीं, सरकार के भी सारे बड़े जिम्मेदार रहते हैं. सोचनीय है कि राजधानी में ये हाल है, तो राजधानी से दूर बस्तर, सरगुजा, कोरबा, कोरिया, अंबागढ़ चौकी, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में मतदान कैसे ‘निपटाया’ जा रहा होगा..?

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