रायपुर • आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार ने मोबाइल उपलब्ध कराया ताकि आंगनबाड़ी केंद्रों से प्रतिदिन महिलाओं और बच्चों से संबंधित प्रतिवेदन अपडेट किया जा सके. महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास तथा पोषण संबंधी उद्देश्यों की पूर्ति हेतु यह जानकारी महत्वपूर्ण होती है. इसे पोषण ट्रैकर नामक एक विभागीय ऐप के जरिए अमलीजामा पहनाया जा रहा है. दिक्कत यहां है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बांटे गए मोबाइल में पोषण ट्रैकर ओपन होने में दिक्कत आ रही है. ऐसी शिकायतें कई जिलों से आ रही हैं.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं इसे लेकर अभी तक सार्वजनिक रूप से मुखर नहीं हुई हैं, लेकिन आंगनबाड़ी संगठन से जुड़ी एक प्रतिनिधि ने नाम न छापने की शर्त पर VDOTab को पुष्ट किया है कि बहुत जल्द इस विषय पर विचार किया जाएगा.
सूत्रों के अनुसार, कई जिलों की कार्यकर्ताओं का कहना है कि नेटवर्क नहीं आता, बातचीत नहीं होती. कुछ का कहना है कि नेटवर्क वगैरह तो सही है, बस नेट स्लो चल रहा है. कुछ का कहना है कि पोषण ट्रैकर के अलावा सब ठीक चल रहा है, जबकि कुछ का कहना है कि पोषण ट्रैकर सही है, और पूरा मोबाइल अच्छे से काम कर रहा है.
तो फिर आखिर समस्या क्या है..? स्पष्ट है कि बड़ी संख्या में सरकार के द्वारा वितरण किया गया है, तो सभी का मेंटेनेंस समान नहीं होगा. टेक्निकल विषय है, कुछ भी संभव है.
सवाल यह है कि अंततः यह सब डील करना किसका काम है? छत्तीसगढ़ में इस विषय को कौन डील कर रहा है..? यह कौन देखेगा.? बहरहाल, आंगनबाड़ी संगठनों की तरफ से इस मामले में कोई अधिकृत बयान नहीं आया है.

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