बिलासपुर। बिलासपुर शहर के इमलीभांठा में धर्मसभा की आड़ में धर्मान्तरण कराये जाने का मामला सामने आया है। हिन्दू संगठनों के विरोध के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। 2 महिलाओं के विरुद्ध पुलिस ने प्रकरण पंजीबद्ध किया है। मामले की जांच की जा रही है।
इस सम्बन्ध सूत्रों से जानकारी मिली है, कि बिलासपुर के वार्ड नंबर 65, इमलीभांठा के एक कमरे में धर्मसभा आहूत कर धर्मांतरण कराये जाने की जानकारी सर्व हिन्दू समाज नाम की एक संस्था को मिली। इस संस्था से जुडी समाजसेविका प्रभा बाजपेयी तिवारी ने बताया कि सूचना मिलने के बाद गत 27 जुलाई की शाम स्वयं प्रभा बाजपेयी तिवारी, यतेंद्र नाथ मिश्रा, अरुण साहू, सचिन द्विवेदी समेत हिन्दू संगठनों के अन्य कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। जहाँ छोटे-छोटे बच्चों को बाइबिल पढ़कर सुनाया जा रहा था। संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रार्थना सभा के आयोजकों को रोका।
समाजसेविका प्रभा बाजपेयी तिवारी ने जानकारी दी कि मौके पर ऐसी गतिविधि मिली, तब तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी गयी। सरकण्डा थाने की पुलिस भी मौके पहुंच गयी। पूछताछ करने पर पता चला कि रुकमणी गेंदले और पूनम साहू नाम की दो महिलाओं के द्वारा अपने कुछ अन्य साथियों के साथ मिलकर यहाँ लम्बे समय से ऐसी गतिविधियां की जा रही हैं।
यह तथ्य भी सामने आया कि वाल्मीकि आंबेडकर आवास योजना के तहत बनाये गए आवासीय मकान को प्रार्थना भवन के रूप में तब्दील करने के लिए विधिवत अनुमति भी नहीं ली गयी है। इस पूरे मामले में समाजसेविका प्रभा बाजपेयी तिवारी की रिपोर्ट पर सरकंडा पुलिस ने रुकमणी गेंदले, पूनम साहू और अन्य के विरुद्ध भारतीय न्याय सहिंता, 2023 की धारा 299 तथा छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य, 1968 की धारा 3 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को जांच में ले लिया है।

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