रायपुर • छत्तीसगढ़ के पांच संभागीय आयुक्त न्यायालयों में वर्तमान में 18,252 राजस्व प्रकरण लंबित हैं। इनमें से सर्वाधिक मामले सरगुजा संभाग में और सबसे कम बस्तर संभाग में दर्ज हैं। पिछले तीन माह (जून से अगस्त 2025) के दौरान कुल 1,399 प्रकरणों का निराकरण किया गया है। इस अवधि में रायपुर संभाग ने अन्य चार संभागों—सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर और बस्तर—की तुलना में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 568 मामलों का निपटारा किया है, जबकि बस्तर संभाग में सबसे कम 66 प्रकरणों का निराकरण हो सका है।
रायपुर संभाग का उत्कृष्ट प्रदर्शन
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, रायपुर संभागीय आयुक्त न्यायालय ने जून में 173, जुलाई में 180 और अगस्त में 215 प्रकरणों में निर्णय सुनाए। इस तरह, कुल 568 मामलों का निराकरण कर रायपुर संभाग ने अन्य संभागों को पीछे छोड़ दिया। वर्तमान में रायपुर में 4,810 प्रकरण लंबित हैं, जिनकी सुनवाई निरंतर जारी है।
अन्य संभागों की स्थिति
सरगुजा संभागीय न्यायालय में लंबित प्रकरणों की संख्या सर्वाधिक है, जहां 5,557 मामले अभी भी अनिर्णीत हैं। इस संभाग में तीन माह में 363 प्रकरणों का निपटारा हुआ। बिलासपुर संभाग दूसरे स्थान पर है, जहां 5,309 मामले लंबित हैं और केवल 169 प्रकरणों का निराकरण हुआ। दुर्ग संभाग में 233 मामलों का निपटारा किया गया, जबकि 1,291 प्रकरण शेष हैं। बस्तर संभाग में सबसे कम 1,285 मामले लंबित हैं, जहां 66 प्रकरणों में निर्णय लिया गया।

तेजी से निराकरण के लिए प्रयास
रायपुर संभागीय आयुक्त श्री महादेव कावरे (आईएएस) ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशों के अनुरूप लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य पक्षकारों को समयबद्ध न्याय प्रदान करना है। अधीनस्थ कार्यालयों द्वारा समय पर अभिलेख प्रस्तुत करने से प्रकरणों के शीघ्र निपटारे में सहायता मिलती है, जिसका सीधा लाभ पक्षकारों को प्राप्त होता है।”
प्रदेश में समग्र स्थिति
प्रदेश के पांचों संभागीय न्यायालयों में कुल 18,252 राजस्व प्रकरण लंबित हैं, जिनमें अधिकांश भूमि और संपत्ति से संबंधित हैं। इन प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिए संभागीय प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि आमजन को शीघ्र और प्रभावी न्याय मिल सके।

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