
रायपुर। अपने कार्यकाल के दौरान अक्सर सुर्ख़ियों में रहने वाली महिला एवं बाल विकास की अफसर रेणू प्रकाश को राज्य सरकार ने कोरबा जिले से हटाकर बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले में तबादला कर दिया है। राज्य सरकार ने वैसे तो रेणू प्रकाश का तबादला जून 2025 में ही कर दिया था, लेकिन उस तबादला आदेश के विरुद्ध रेणू प्रकाश ने हाईकोर्ट बिलासपुर में चुनौती पेश की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई के बाद शासन के वरिष्ठ सचिवों के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का सुझाव देते हुए तबादला को निरस्त करने से इंकार कर दिया था।
ताजा जानकारी के अनुसार, शासन के वरिष्ठ सचिवों ने रेणू प्रकाश के अभ्यावेदन पर विचार करने के बाद अपना अभिमत दे दिया था, जिसके आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक ने 13 अक्टूबर 2025 को आदेश जारी किया है। इस नए आदेश में रेणू प्रकाश को बस्तर संभाग के कोंडागांव जिले में पदभार लेने कहा गया है, साथ ही उन्हें उसी दिन अपरान्ह में पदमुक्त करते हुए उसी कार्यालय में पदस्थ अधिकारी गजेंद्र सिंह देव को कोरबा जिले में उनके स्थान पर प्रभार दे दिया गया है।
आपको बता दें कि रेणू प्रकाश कोरबा जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) के पद पर पदस्थ हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में 9 अक्टूबर 2025 कोरबा (ग्रामीण) में पदस्थ उनकी अधीनस्थ परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) ममता तुली ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव और कलेक्टर को पत्र लिखकर जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणू प्रकाश द्वारा उनसे बजट आवंटन के एवज़ में 50 हजार रूपये की मांग करते हुए मानसिक रूप से प्रताड़ित किये जाने की गंभीर शिकायत की है। 4 बिंदुओं में लिखे गए उस शिकायत-आवेदन में सीडीपीओ ममता तुली ने विस्तार से बताया है कि रेणू प्रकाश के द्वारा कभी अपने दौरे हेतु लक्ज़री गाड़ी के लिए, तो कभी अवकाश प्रकरण के लिए, तो कभी अवैध रुपयों के लिए किस-किस तरह से प्रताड़ित किया जाता रहा है। इतना ही नहीं, ममता तुली ने अपने और अपने पति की दिव्यागंता का उल्लेख करते हुए यह भी बताया है कि रेणू प्रकाश के द्वारा उनकी दिव्यांगता का भी मजाक उड़ाते हुए उन्हें प्रताड़ित किया गया। मानसिक प्रताड़ना के कारण उन्हें अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल भी होना पड़ा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुख्यमंत्री समेत वरिष्ठ अधिकारियों को भेजे गए उक्त शिकायत-पत्र के प्रकाश में आने बाद रेणू प्रकाश ने 2 साल पुरानी एक फाइल खोलकर सीडीपीओ ममता तुली को सर्विस बुक में एंट्री किये जाने सम्बन्धी एक प्रकरण में नोटिस कर दिया। न केवल नोटिस जारी किया, बल्कि जांच भी बैठा दी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणू प्रकाश ने मीडिया से बातचीत में खुद पर लगाए जा रहे आरोपों को सरासर गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रताड़ना जैसी कोई बात नहीं है, बल्कि कहीं भी बैठक होती है, तो वे खुद भी मदद करती हैं।
बहरहाल, राज्य शासन ने रेणू प्रकाश को कोरबा जिले से हटाकर कोंडागांव पहुंचकर ज्वाइन करने का फरमान जारी कर दिया है। शासन के इस आदेश में रेणू प्रकाश के खिलाफ की गयी ताजा शिकायत के विषय में कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन शिकायत की गंभीरता और संवेदनशीलता से यह संभावना है कि उस पर विभागीय जांच जरूर हो सकती है। रेणू प्रकाश का विवादों और सुर्ख़ियों से चोली-दामन का साथ रहा है। वह कोरबा से क्यों नहीं हटना चाहती थीं, इसके पहले जब वह राजनांदगाव (अविभाजित) और जशपुर आदि जिलों में पदस्थ थीं, तब किन-किन मामलों में चर्चित रहीं, कोरबा जिले की तरह और किस-किस जिले में जारी है अफसरों की मनमानी, पूरी कहानी अगली कड़ी में पढ़ेंगे।


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