भोपाल। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में दबंगों के द्वारा एक दलित परिवार पर जानलेवा हमला करने की खबर सामने आई है.
खबर है कि जिला मुख्यालय शिवपुरी से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित बदनपुर गांव में यह वारदात हुई है. यह पिछौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है. घटना के संबंध में जानकारी मिली है कि गुजरे शनिवार की शाम लगभग 6 बजे संतोष जाटव पिता देवलाल जाटव (लगभग 30 वर्ष) अपने खेत में सिंचाई कर रहा था. उसी दौरान उस गांव में ही रहने वाले लोधी परिवार के 2 दबंग युवकों ने संतोष जाटव पर हमला कर दिया. जातिसूचक अश्लील गालियों के साथ दोनों ने संतोष की खूब पिटाई कर दी. उसी समय संतोष की पत्नी क्रांति भी वहां पहुंची. उसने अपने पति को दोनों दबंगों से बचाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन लोधी परिवार के दबंगों ने उसकी पत्नी पर भी रहम नहीं किया, बल्कि उसे भी खूब मारा. संतोष और उसकी पत्नी बदहवास और असहाय हालत में खेत से गांव पहुंचे. उन्होंने अपने परिजनों और अन्य ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी.
गांव वालों ने मिलकर तय किया, कि वे दबंगों के खिलाफ कानूनी ढंग से लड़ेंगे. गांव वालों की मदद से पीड़ित दलित परिवार पिछौर थाना पहुंचा. कुछ ग्रामीण भी साथ थे. पुलिस ने आपबीती सुनकर पीड़ित पक्ष का आवेदन जमा करा लिया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कुछ कार्रवाई जमीन पर नहीं दिखी. वे आराम से घर पर ही रहे.
ग्रामीण जब थाने से लौट रहे थे, तब आरोपियों ने गांव में ही उन्हें फिर घेर लिया. थाने में जाकर घटना की शिकायत कर देना दबंगों को इतना नागवार गुजरा कि वे थाना जाने वाले,उन्हें मदद करने वाले, सभी को गाली-गलौज और जान से मार देने की धमकी देते हुए एक बार फिर गुंडागर्दी की. दलित ग्रामीणों के साथ उन दबंगों ने खूब मारपीट की. दहशत फैलाया. गांव में लाठी, डंडा और अन्य हथियार लेते हुए घूमते रहे. इस घटना में बदनपुर गांव के अमोल जाटव, कल्याण जाटव, देवलाल जाटव, अरविंद, राजवती समेत आधा दर्जन से ज्यादा दलितों के घायल होने की खबर है. कुछ का शिवपुरी स्थित अस्पताल में अभी भी उपचार जारी है. कुछ ज्यादा घायल हैं, तो कुछ कम आहतों को मामूली उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है. हमले में घायल दलित अस्पताल या गांव में अपनी पीड़ा से कराह रहे हैं. दूसरी तरफ, दबंग आरोपियों के बेखौफ होकर घूमने की खबर है. पुलिस ने क्या कार्रवाई की, किसी को पता नहीं.
एक पीड़ित ने बताया कि दबंगों के खिलाफ पुलिस मजबूत कार्रवाई नहीं करती, उल्टे उन्हें बचाने की तरकीब ढूंढती रहती है, जिसके कारण यहां लोधी परिवार के दबंगों के हौसले बुलंद हैं. पीड़ित दलितों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है, जब दबंगों ने दलितों पर हमला किया हो, और पुलिस उनकी मददगार की भूमिका में हो. ऐसा अक्सर होता है, उसके बावजूद पिछौर थाने की पुलिस उनके खिलाफ कारवाई नहीं करती. खानापूर्ति के लिए करती भी है तो काउंटर रिपोर्ट का ग्राउंड बनाकर करती है, ताकि दबंगों को बचाया जा सके. बहरहाल, मध्यप्रदेश में दलित परिवार पर ओबीसी दबंगों के हमले के इस दर्दनाक घटना ने कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है.

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