बिलासपुर : बंधवापारा में बाढ़ जैसी स्थिति, गरीब जनता का जीना-हराम, पार्षद अपनी दुकानदारी में व्यस्त

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बिलासपुर : बंधवापारा में बाढ़ जैसी स्थिति, गरीब जनता का जीना-हराम, पार्षद अपनी दुकानदारी में व्यस्त

बिलासपुर। 23 और 24 जुलाई की मध्यरात्रि लगभग साढ़े 3-4 बजे हुई जोरदार बारिश ने शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिन मोहल्लों और बस्तियों में जलभराव की समस्या सालों से बनी हुई है, वहां लोगों को बेहद आफत का सामना करना पड़ रहा है। सरकंडा क्षेत्र में वार्ड क्रमांक 65 बंधवापारा, इमलीभांठा भी इस समस्या से कई वर्षों से ग्रसित है।

इस साल की हर बारिश यहाँ लोगों के ज़िन्दगी में कहर की बारिश साबित हो रही है। हर साल की तरह इस बार भी जोरदार जलभराव हो गया। वार्ड क्रमांक 65, इमलीभांठा को शहर से जोड़ने वाले मार्ग पर भगत सिंह स्कूल के पास फिर पानी जमा हो गया। पानी इस कदर जमा हुआ कि इस इलाके में निवास करने वाली हज़ारों की आबादी का शहर से संपर्क टूट गया। यहाँ इतना ज्यादा पानी जमा हुआ कि लोग नदी-नाले में आयी बाढ़ की तरह वहां नजारा देखने जमा हो गए। लोग मोबाइल से फोटो और वीडियो बनाकर वायरल करने लगे।

23 और 24 जुलाई की मध्यरात्रि लगभग साढ़े 3-4 बजे हुई जोरदार बारिश ने शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है।

पार्षद और नगर निगम को ऐसे वक़्त में ज्यादा सक्रिय होकर लोगों की मदद करनी चाहिए, लेकिन स्थिति इसके विपरीत है। लोग परेशान हैं, और पार्षद अपनी किराने की दूकान पर बैठकर बड़े आराम से धंधा करने में व्यस्त है। पार्षद की अकर्मण्यता का यह पहला उदाहरण नहीं है। इमलीभांठा के वाल्मीकि अम्बेडकर आवास में मई माह से पेयजल आपूर्ति की समस्या बनी हुई है। लोगों को पीने तक के पानी के लिए बाहर कहीं दूर-दूर से साइकिल, स्कूटी, कांवर में पानी लाकर गुजारा करना पड़ रहा है। पानी की समस्या पार्षद की जानकारी में है, लेकिन आज तक वह समस्या जस की तस बनी हुई है। इसी आवास के एफ ब्लॉक के सामने शिव मंदिर के करीब एक बड़ा बबूल का पेड़ गत दिनों देर रात आंधी के कारण गिर गया, गनीमत है कि बबूल का वह मकानों के ऊपर न गिरकर गार्डन की खाली जगह पर गिरा। वरना, बड़े जान-माल की हानि होती। इस पेड़ को गिरे लगभग पखवाड़े गुजर गए, पार्षद झाँकने तक नहीं पहुंचा। वह पेड़ आज भी वैसा ही गिरा हुआ पड़ा है, निगम का अमला उस पेड़ को हटा ले, इसकी पहल करने वाला भी कोई नहीं है।

इमलीभांठा-बंधवापारा को शहर से जोड़ने वाले मार्ग पर बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गयी

23 जुलाई यानी हरेली के ठीक पहली रात को लगभग साढ़े 3 बजे जोरदार गरज-चमक के साथ बारिश हुई। जैसे ही बारिश शुरू हुई, 5 मिनट के भीतर बिजली भी चली गयी। लोग न केवल अँधेरे से परेशान हुए, बल्कि उमस, गर्मी और मच्छर ने भी रहवासियों को हलाकान कर डाला। सुबह हुई, तो बारिश थम चुकी थी, लेकिन बिजली नहीं होने के कारण घंटों तक लोग गर्मी, मच्छर और गन्दगी से परेशान रहे। उधर जगह-जगह पानी का जमावड़ा लोगों की परेशानी का अलग सबब बना रहा।

यहाँ इतना ज्यादा पानी जमा हुआ कि लोग नदी-नाले में आयी बाढ़ की तरह वहां नजारा देखने जमा हो गए।

इमलीभांठा-बंधवापारा को शहर से जोड़ने वाले मार्ग पर बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गयी। सुबह लोगों ने देखा कि दूकान, मकान, स्कूल और वहां स्थित एक सरकारी दवाखाना भी डूब सा गया है। सरकंडा के इस इलाके में ज्यादातर ऐसे कामकाजी मजदूर परिवारों का निवास है, जो हर दिन अपनी रोजी मजदूरी के लिए बड़ी सुबह शहर की तरफ निकल जाते हैं, लेकिन इस बाढ़ के कारण लोगों कदम वहीँ ठिठक गए। घर से रोजी मजदूरी कमाने के लिए निकले लोग वहां पहुंचकर पानी कम होने का इंतज़ार करने लगे।

सुबह लगभग सवा 9 बजे तक यहाँ स्थिति सामान्य नहीं हुई। नगर-निगम का एक सिंगल अमला यहाँ नहीं पहुंचा। कम से कम मोटर पंप से पानी निकालकर आवागमन सुचारू बनाने की कोई व्यवस्था नहीं दिखी। लोगों को उम्मीद थी, कि इस वार्ड के पार्षद सक्रिय होंगे, मौके पर जाएंगे और नगर-निगम के अधिकारियों से संवाद स्थापित करते हुए लोगों को मुसीबत से बाहर निकालने की कुछ तो कोशिश करेंगे। लेकिन जब पूरा वार्ड इस स्थिति से जूझ रहा था, तब पार्षद अपनी दूकान में बैठकर दुकानदारी में मस्त थे। हालांकि नागरिकों ने खुद निगम को फ़ोन किया और आपदा राहत के लिए निवेदन किया। इसके बाद भी कोई अमला यहाँ सक्रिय नहीं हुआ, तब लोग जैसे-तैसे बाढ़ के पानी को पार करने लगे और अपने काम-धंधे पर जाने लगे।

घर से रोजी मजदूरी कमाने के लिए निकले लोग वहां पहुंचकर पानी कम होने का इंतज़ार करने लगे

आपको बता दें, नगर निगम चुनाव में नागरिकों ने इमलीभांठा निवासी उम्मीदवार को इसलिए पार्षद के रूप में चुना था, क्योंकि लोगों को उम्मीद थी, कि अब तक उपेक्षित इमलीभांठा को एक अच्छा नेतृत्व और दमदार प्रतिनिधित्व मिलेगा, लेकिन यहाँ की जनता मात्र कुछ महीने में ही निराश होने लगी है। उम्मीद थी कि ट्रिपल इंजन सरकार इस इलाके में बदलाव लाएगी, यहाँ के लोगों की ज़िन्दगी में बदलाव आएगा। लेकिन पार्षद की कार्यप्रणाली केवल कुछ लोगों, कुछ घरों तक सीमित रह गयी है। इमलीभांठा में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं, बल्कि बदलाव के नाम पर पार्षद की दुकान के सामने हर सुबह कुछ सफाई कर्मचारी पहुँचते हैं, सफाई कार्य में लगे रहते हैं। बाकी पूरा वार्ड भगवान श्री राम के भरोसे है।

हरेली की सुबह लोग अपने-अपने मोबाइल से वीडियो और फोटो बनाकर वायरल करने लगे। पूरे शहर में यहाँ का वीडियो वायरल होने लगा है। बिलासपुर शहर के बंधवापारा एक वीडियो पूरे छत्तीसगढ़ में वायरल हो रहा है। आप भी उस वीडियो को नीचे क्लिक करके देख सकते हैं –

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