CG Film : कोरोना दौर की दिक्कतों का सामना करते हुए बनी है ‘जै सीतला मईया’, दिवंगत कोरियोग्राफर गजेंद्र कुंभलकर की याद ताज़ा करेगी यह फिल्म

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CG Film : कोरोना दौर की दिक्कतों का सामना करते हुए बनी है ‘जै सीतला मईया’, दिवंगत कोरियोग्राफर गजेंद्र कुंभलकर की याद ताज़ा करेगी यह फिल्म

रायपुर। 5 सितंबर को रिलीज होने जा रही धार्मिक छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘जै सीतला मईया’ इसलिए भी यादगार होगी, क्योंकि यह फिल्म छत्तीसगढ़ कला जगत के सुप्रसिद्ध कोरियोग्राफर गजेंद्र कुंभलकर द्वारा कोरियोग्राफ की गयी ऐसी फिल्म होगी, जो उनके निधन के लगभग 5 सालों बाद रिलीज होने जा रही है। गजेंद्र न केवल फिल्मों के लिए अच्छी डांस कोरियोग्राफी करते थे, बल्कि लोक मंचों पर भी उनका नृत्य और नृत्य निर्देशन सराहा जाता रहा है। इस फिल्म के एक गाने में उन्होंने दिलीप बैस के साथ कोरियोग्राफी की है। वे मंचों पर बढ़िया नृत्य भी करते थे। गजेंद्र न केवल अपने कला-कौशल से, बल्कि अपने विनम्र व्यवहार के कारण भी लोगों के बीच प्रिय रहे हैं।

‘जै सीतला मईया’ के प्रोडूसर और हीरो लिलेश्वर सिन्हा ने बताया कि इस फिल्म शूटिंग कोरोना काल से पहले शुरू हो गयी थी। कुछ हिस्सा शूट हो चूका था। इसी बीच कोरोना आया और उसी दौर में छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध कोरियोग्राफर गजेंद्र कुंभलकर स्वर्ग सिधार गए। वह दुःखद स्थिति छत्तीसगढ़ी कला जगत के लिए अपूर्णीय क्षति तो थी ही, ‘जै सीतला मईया’ टीम के लिए भी दुखों के पहाड़ जैसी परिस्थिति थी।

उन्होंने बताया कि इस फिल्म के निर्माण लिए खूब आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। कोरोना का बुरा दौर तो एक बाधा थी ही, आर्थिक रोड़े के कारण भी शूटिंग रोकने पड़े। इसीलिए इस फिल्म के निर्माण पूरा होने में 5-6 सालों का वक़्त लग गया। निर्माता श्री सिन्हा ने यह खुलासा भी किया, कि इस फिल्म की कहानी 12 साल पहले लिखने की शुरुआत की जा चुकी थी। कहानी को परदे पर लाने के पहले हर प्रकार से होम वर्क करना पड़ा, ताकि एक अच्छी कहानी पर अच्छी फिल्म भी बनायी जा सके। उन्होंने बताया कि इस फिल्म से उन्हें काफी उम्मीद है।

निर्माता और हीरो श्री सिन्हा के अनुसार, यह फिल्म छत्तीसगढ़ी सिनेमा में पहली बार शीतला माता के पावन चरित्र को बड़े पर्दे पर जीवंत करने जा रही है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। निर्देशक डॉ. पुनीत सोनकर के निर्देशन में बनी इस फिल्म के निर्माता लिलेश्वर सिन्हा और सह-निर्मात्री मीनाक्षी पाण्डेय हैं। निर्माता लिलेश्वर सिन्हा लेखक, अभिनेता, गीतकार, संगीतकार और गायक के पहले से जाने जाते हैं। इस फिल्म में वे नायक की भी भूमिका में हैं, जबकि कई चुकी सोनाली सहारे इसमें नायिका है। शीतला माता की भूमिका में स्वीटी साहू हैं। फिल्म के गीत और संवाद छत्तीसगढ़ के “करमा सम्राट” घनश्याम ठाकुर ने लिखे हैं, जिन्हें पांच बार राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। संगीत की कमान लिलेश्वर सिन्हा ने संभाली है, जिसे वरिष्ठ संगीतकार सूरज महानंद ने संयोजित किया है। गीतों को दुकालू यादव, दिलीप षड़ंगी, छाया चंद्राकर, अलका चंद्राकर, अनुराग शर्मा और चंपा निषाद जैसे सुप्रसिद्ध गायकों ने अपनी मधुर आवाज से सजाया है।

फिल्म की सिनेमेटोग्राफी लक्ष्मण यादव ने की है। मेकअप की जिम्मेदारी उड़ीसा के वरिष्ठ मेकअप आर्टिस्ट समरेस दादा ने संभाली है, जबकि फाइट सीन को बीरबल पाणिग्रही और नीलकंठ साहू (अंतरराष्ट्रीय कराटे विजेता) ने दमदार अंदाज में कोरियोग्राफ किया है। नृत्य निर्देशन दिलीप बैस और गजेंद्र कुंभलकर ने किया है।

फिल्म में शैलेश साव नारद मुनि की आकर्षक भूमिका में दर्शकों को मनोरंजन के साथ-साथ गहरे संदेश देंगे। खलनायक के रूप में जानू साहू का दमदार अभिनय दर्शकों को रोमांचित करेगा। अनुराधा दुबे और संजय मैथिल माता-पिता की भूमिका में भावनात्मक गहराई लाएंगे, जबकि प्रदीप शर्मा, घनश्याम वर्मा, कुशाग्र सोलंकी ‘जस्टिन’ और तेजराम साहू हास्य का तड़का लगाएंगे। “कचरा बोदरा” फेम उर्वशी साहू तुनकमिजाज काकी के रूप में अलग छाप छोड़ेंगी। बाल कलाकार नायरा रंगारी (पीहू) और साइनी पांडा अपनी मासूमियत से दर्शकों का दिल जीतेंगी। संध्या मानिक, जागेश्वरी मेश्राम, परमेश्वर साहू, राजू नायक, सुलेख नाविक, हरीश साहू, लुपेश पटेल और धनंजय सिन्हा जैसे कलाकार फिल्म को और भी रंगीन बनाते हैं। फिल्म की शूटिंग छत्तीसगढ़ के ग्राम पंचायत चेरिया बंजारी, नवागांव खपरी और आसपास की प्राकृतिक लोकेशंस में हुई है।

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