रायपुर। छत्तीसगढ़ी सिनेमा में अच्छी फिल्मों का दौर लौटेगा। आज भले ही ज्यादातर फिल्में पिट रही हों, लेकिन इससे निवेशक भी यह बात समझ रहे है कि गलत या अपर्याप्त निवेश के कारण फिल्में नहीं चलती, बल्कि नुकसान होता है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाये जाने वाले कदम भी इस सिनेमा इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद साबित होंगी। यह बात छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सुपर स्टार, लोकप्रिय अभिनेता मनमोहन सिंह ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि अमलेश नागेश का सन्यास लेना, अथवा कुछ माह बाद इंडस्ट्री में लौटकर अपनी रीब्रैंडिंग करना कोई विशेष बात नहीं है। कई ऐसे स्टार हुए हैं, जिनकी सालों तक एक भी फिल्म नहीं आती, लेकिन इससे इंडस्ट्री ख़त्म नहीं हो जाती, वह अपनी गति से चलती रहती है।
ढाई दशक पहले आयी सतीश जैन की ऐतिहासिक छत्तीसगढ़ी फिल्म ‘मोर छइंया भुइंया’ में गिरधारी पांडेय नामक किरदार को स्मरणीय बना देने वाले अभिनेता मनमोहन सिंह ठाकुर मानते हैं कि सिनेमा इंडस्ट्री में उतार-चढ़ाव होते रहता है। किसी एक कलाकार के सन्यास ले लेने से इंडस्ट्री पर कोई असर नहीं पड़ता। अमिताभ बच्चन, मिथुन चक्रवर्ती, विनोद खन्ना, नाना पाटेकर जैसे कई कलाकार हैं, जिनकी सालों तक फिल्में नहीं आयी। लेकिन जब बाद में आयी, तो वे फिर स्थापित हो गए। इससे इंडस्ट्री पर कोई ख़ास असर नहीं पड़ता। अभिनेता मनमोहन ने यह बात अमलेश नागेश के सन्यास लेने तथा फिर वापस होने के सन्दर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में कही। उन्होंने कहा कि दरअसल छत्तीसगढ़ी सिनेमा इंडस्ट्री के कुछ लोग अपने स्वार्थ के कारण उभरते कलाकारों को गुब्बारे की तरह इस कदर फुला डालते हैं, कि उसे लगने लगता है कि उससे बड़ा कलाकार कोई और नहीं। इसी के कारण अमलेश जैसे कुछ कलाकारों को बाद में नुकसान होता है, उन्हें इंडस्ट्री छोड़ने की घोषणा करनी पड़ती है। हालांकि एक्टिंग का नशा जिसे चढ़ गया, वह उससे तब तक उबर नहीं पाता, जब तक वह करने की स्थिति में रहता है। इसलिए अमलेश नागेश की वापसी तय थी।
अधिकांश छत्तीसगढ़ी फिल्मों के असफल होने के कारणों पर मनमोहन सिंह ठाकुर कहते हैं, छत्तीसगढ़ी सिनेमा इंडस्ट्री के लिए सौभाग्य की बात यह है कि इस तरह की असफल और अप्रिय परिस्थितियों के बावजूद फिल्मों में निवेश करने वालों की कमी नहीं है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि निवेशकों के पैसे का गलत तरीके से इस्तेमाल करने वालों से यह इंडस्ट्री भरी पड़ी है। फिल्मों के फ्लॉप होने का सबसे बड़ा कारण यही है। उन्होंने कहा कि स्टोरी, डायलॉग और स्क्रीन-प्ले पर प्रोड्यूसर समुचित निवेश नहीं करते, जिसका सीधा असर फिल्म पर पड़ता है। छत्तीसगढ़ी सिनेमा में सस्ते स्क्रिप्ट राइटर्स की भरमार है, जिनकी फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही हैं। उन्हें सिनेमाई स्क्रिप्ट लिखने का बुनियादी ज्ञान है ही नहीं। मनमोहन सिंह ठाकुर कहते हैं, कि यहाँ सतीश जैन के अलावा किसी को भी स्क्रिप्ट लिखना नहीं आता। अच्छे स्क्रिप्ट राइटर को अच्छा भुगतान नहीं मिलता।
अभिनेता मनमोहन सिंह ठाकुर कहते हैं, कलाकारों के चयन में भी कास्टिंग का सही फार्मूला ज्यादातर मेकर्स को पता ही नहीं है, जिसके कारण फिल्में नकार दी जा रही हैं। सोशल मीडिया में वायरल चेहरों की बदौलत पूरी फिल्म को हिट करा लेने का फार्मूला हमेशा कारगर नहीं हो सकता। कोई एक अपवाद को उदाहरण नहीं कह सकते। किरदार के अनुरूप फिट कलाकारों का चयन करने की बजाय उनका सस्ता विकल्प ढूंढ लिया जाता है, भले ही वह किरदार के अनुरूप फिट न बैठते हों। यह भी फिल्म के फ्लॉप होने का एक कारण है।
अभिनेता मनमोहन सिंह ठाकुर कहते हैं, कि आजकल फिल्में विषय प्रधान न होकर हीरो प्रधान ज्यादा बन रही है। विलेन नामक एक मजबूत किरदार, जो हीरो को हीरो जस्टिफाई करने के लिए फिल्म की कहानी में आखिरी तक नकारात्मकता का प्रतीक होता था, उसे लगभग ख़त्म किया जा रहा है। विलेन और कॉमेडियन में फर्क करना अब मुश्किल सा लगता है। कॉमेडी फिल्मों तक ऐसा प्रयोग ठीक भी है, लेकिन पूरा ट्रेंड बदलने की कोशिश सिनेमा के लिए नुकसानदेह है। और वह नुकसान छत्तीसगढ़ी सिनेमा इंडस्ट्री में दिख भी रहा है।
‘मोर छइंया भुइंया’ से लेकर अब तक लगभग 25 वर्षों की छत्तीसगढ़ की रंगीन सिनेमा की यात्रा को बेहद करीब से देख रहे अभिनेता मनमोहन सिंह ठाकुर इन तमाम परिस्थितियों के बावजूद निराश नहीं हैं, बल्कि वे आशान्वित हैं कि दौर बदलेगा। वे कहते हैं, कि निवेशकों को अपनी असफल फिल्मों से सबक मिल रहा है कि गलत अथवा अपर्याप्त निवेश से फायदा नहीं, बल्कि नुकसान होता है। निवेशक जिस दिन धन और संसाधनों के दुरूपयोग करने वाले प्रोड्यूसरों को पहचान लेंगे, वे सही प्रोड्यूसर की तरफ ही मुड़ेंगे और यह इंडस्ट्री आर्थिक रूप से अच्छे दौर की ओर लौटेगी।
मनमोहन सिंह ठाकुर छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार से भी आशान्वित हैं। वे कहते हैं, आने वाले समय में सरकार जो कदम उठाने जा रही है, उससे छत्तीसगढ़ के कलाकारों को लाभ मिलेगा। इससे सिनेमा इंडस्ट्री मजबूत होगी। फिल्मी सिटी भी उनमें से एक है। उन्होंने कहा कि सुपरस्टार पद्मश्री अनुज शर्मा का धरसीवां से विधायक निर्वाचित होना हमारी क्षेत्रीय सिनेमा इंडस्ट्री के लिए एक विशेष घटना है। यह निर्वाचन, राजनैतिक रूप से छत्तीसगढ़ी सिनेमा की पहचान को एक मजबूती प्रदान करती है। आने वाले समय में इसका भी लाभ मिलेगा।

www.vdotab.com is an online News Platform.

COMMENTS