भोंगापाल बुद्ध महोत्सव : तैयारी अंतिम चरणों में, पूरे प्रदेश में उत्साह का माहौल

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भोंगापाल बुद्ध महोत्सव : तैयारी अंतिम चरणों में, पूरे प्रदेश में उत्साह का माहौल

विनोद डोंगरे रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के भोंगापाल में 1 जून 2025 को आयोजित होने वाला भोंगापाल बुद्ध महोत्सव तैयारियों के अंतिम चरण में है। इस ऐतिहासिक आयोजन के साथ ही बुद्ध शांति स्थापना केंद्र (बुद्ध शांति पार्क) का उद्घाटन भी होगा, जो बस्तर के प्राचीन बौद्ध इतिहास को पुनर्जनन करने और इसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा भोंगापाल में खोजी गई 5वीं-6वीं शताब्दी की बौद्ध मूर्तियां और अवशेष इस क्षेत्र के गहरे बौद्ध संबंधों को दर्शाते हैं। यह महोत्सव बौद्ध धर्म की अहिंसा, करुणा और शांति के सिद्धांतों को बढ़ावा देने के साथ-साथ बस्तर की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को विश्व पटल पर लाने का अवसर प्रदान करेगा।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। बुद्ध शांति पार्क को मानसिक शांति, आध्यात्मिक साधना और क्षेत्रीय विकास के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। बस्तर और आसपास का क्षेत्र, जो प्राचीन दक्षिण कोसल का हिस्सा था, मौर्य सम्राट अशोक के समय से बौद्ध धर्म का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। सिरपुर में 6वीं से 10वीं शताब्दी के बौद्ध विहार, स्तूप और मूर्तियों के अवशेष इसके प्रमाण हैं। चीनी यात्री ह्वेनसांग के 7वीं शताब्दी के यात्रा वृत्तांत भी इस क्षेत्र में बौद्ध मठों की सक्रियता की पुष्टि करते हैं।

सर्व समाज जिला कोंडागांव की हालिया बैठक में भोंगापाल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। जिला प्रशासन और आयोजन समिति की संयुक्त बैठक शीघ्र होगी, जिसमें महोत्सव और पार्क के उद्घाटन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाएगा। यह आयोजन स्थानीय जनजातीय परंपराओं और बौद्ध संस्कृति के अनूठे मिश्रण को भी प्रदर्शित करेगा।

भोंगापाल बुद्ध महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। आयोजन समिति की ओर से नीलकंठ टेकाम, केशकाल विधायक एवं आयोजक समिति के प्रमुख; अनिल खोबरागड़े, संयोजक; महादेव कावरे, आईएएस, रायपुर संभाग के आयुक्त एवं सह-संयोजक; तथा समस्त सदस्य, भोंगापाल बुद्ध महोत्सव आयोजन समिति ने अपील की है कि 1 जून 2025 को अपने परिजनों, मित्रों और सहयोगियों सहित अधिक से अधिक संख्या में भोंगापाल पहुंचें।

यह आयोजन न केवल बस्तर के प्राचीन बौद्ध इतिहास को जीवंत करेगा, बल्कि क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक वैभव को भी विश्व के सामने प्रस्तुत करेगा। विनोद डोंगरे

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