बिलासपुर • होली जा चुकी है. गर्मी का मौसम अपने पूरे शबाब पर है. इस मौसम में लोग सूरज की तेज रोशनी और धूप की भीषण तपिश से बचने और राहत पाने के लिए तमाम उपाय अपनाते हैं. ऐसे में इन दिनों आप कूलर, एसी और पंखे आदि की दुकानों में खूब भीड़ पायेंगे. यह भीड़ गर्मी से राहत पाने की जुगत में किस-किस कदर ठगी का शिकार होता है, बिलासपुर की यह कहानी उसी ठगी से बचने की दिशा में आपकी आँखें खोल देंगी.

शहर के सरकंडा सीपत रोड में गोपाल मेडिकल और गोपाल डेयरी के सामने लाइन में रोड के बाजू में ओमी इलेक्ट्रिकल्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स नामक एक दुकान है. इसी दुकान से एक ग्राहक ने 1000 रुपए में एक सीलिंग फैन खरीदा. 1000 रुपए में. इस पंखे को बेचते समय दुकानदार ने कहा कि 2 साल तक तो सोचने की जरूरत नहीं. दुकानदार ने यह भी कहा कि 2 साल के पहले कुछ भी होगा, तो वह पंखा जरूर बदल देगा, लेकिन अपने प्रिय और रेगुलर ग्राहक को कोई तकलीफ नहीं आने देगा.

ग्राहक पंखा खरीदकर घर ले गया. 2 साल तो छोड़िए, 2 माह भी पूरे नहीं हुए थे, और 2 फरवरी को खरीदे गए पंखे का एक प्लेट 16 मार्च को टूटकर गिर गया.पंखे के नीचे बिस्तर पर बच्चे सोए थे, बच गए. अगर कुछ होता तो जिम्मेदार कौन होता..?
ग्राहक टूटा हुआ पंखा लेकर सरकंडा स्थित उसी दुकान में पहुंचा, जहां से 2 साल तक चिंता नहीं करने का वादा किया गया था. दुकानदार ने साफ जवाब दिया कि प्लेट नया लगवाना पड़ेगा. दुकानदार ने कुछ ही मिनटों के भीतर वारंटी और गारंटी की पूरी परिभाषा बता दी. उन्होंने यह भी बता दिया कि कैसे बाइक, स्कूटी, कार वगैरह खरीदी करते हैं तो उसमें कुछ पार्ट्स की ही गारंटी होती है, बाकी की नहीं. दुकानदार ने वहां पर अपने आपको सही साबित कर लिया. दुकान अपनी, जगह अपनी, आसपास पड़ोसी दुकानदार भी अपने और अपनी जगह पर तो मुसवा भी शेर होता है.

दुकानदार की पूरी बात सुनते हुए ग्राहक को भी यह अहसास होता रहा कि, 2 फरवरी को जो दुकानदार अपने आपको मुझे और मेरे परिवार को गर्मी से राहत देने वाला मसीहा जता रहा था, वह आज पूरी तरह व्यापारिक और व्यापारिक प्रावधानों पर बात कर रहा है. गिड़गिड़ाने का कोई मतलब नहीं था. सो, ग्राहक ने नया प्लेट खरीदा और वहां से रुखसत हो लिया.

अब इसमें आपके काम की बात क्या है.? यही कि, जो दुकानदार आपकी बिल में दस्तखत न करे और आपको बातचीत में उलझाकर रखे तब ध्यान से दुकानदार से बिल पर सिग्नेचर करवा लीजिए. बाकी आप समझदार हैं, कि ऐसी दुकानों से खरीदी करनी है या नहीं, अथवा करनी भी है तो मीठी मीठी बातों के नीचे सिग्नेचर करवाकर करनी है, ताकि वह बिल काम आए.

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