दुर्ग : महिला की दुकान पर अवैध कब्जा, इंसाफ के लिए भटक रही पीड़िता, नगर निगम और पुलिस विभाग पर गंभीर आरोप

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दुर्ग : महिला की दुकान पर अवैध कब्जा, इंसाफ के लिए भटक रही पीड़िता, नगर निगम और पुलिस विभाग पर गंभीर आरोप

भिलाई। महिला के दुकान पर दबंगों द्वारा अवैध कब्जा कर डराने धमकाने और प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। पावर हाउस स्थित एक दुकान में अवैध कब्जे को हटाने की मांग लेकर एक महिला पिछले दो सालों से पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के दफ्तरों के चक्कर काट रही है, लेकिन प्रशासन को उसकी स्थिति पर दया नहीं आ रही है। सालों से महिला इंसाफ के लिए चक्कर काट रही है, लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला है। पीड़ित महिला ने नगर निगम आयुक्त, विद्युत विभाग, छावनी थाना प्रभारी, ज़िले के कलेक्टर से लेकर विधायक और मुख्यमंत्री तक इंसाफ की गुहार लगा चुकी है। महिला ने सुशासन तिहार के तहत भी मदद की मांग की है, लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला।

सुनीता सिंह ने बताया कि वे अपने पावर हाउस स्थित कच्चे मकान में अपनी 85 वर्षीय माता और 12 साल के बच्चे के साथ रहती हैं। सुनीता अपने परिवार का लालन-पालन करने के लिए पहले खुद ही दुकान का संचालन करती थी, लेकिन सुनीता की माता की तबियत बिगड़ने पर उन्होंने दुकान को अजय सेन नाम के शख्स को 11 महीने का किरायानामा बनाकर किराए पर देकर अपनी माता की देख-रेख शुरू कर दी। डेढ़ साल बाद जब सुनीता की माता की तबियत स्थिर हुई तो उन्होंने फिर से दुकान का संचालन करने का निर्णय लिया और इसकी सूचना उन्होंने अजय सेन को दी और पगड़ी की रकम लौटा दी। पगड़ी की रकम लेने के बाद अजय सेन ने तीन दिन में दुकान खाली करने की बात कही लेकिन आज दो साल बाद भी दुकान पर अवैध रूप से कब्जा जमाकर रखा है। दुकान खाली करने की बात कहने पर अजय सेन राजनीतिक पहुंच पहचान होने का धौंस दिखाकर डराता धमकाता है। इसकी शिकायत सुनीता सिंह ने नगर निगम आयुक्त से लेकर कलेक्टर, विधायक से लेकर मुख्यमंत्री तक कर चुकी हैं, लेकिन अब तक उन्हें न्याय नहीं मिला।

इस मामले में सुनीता सिंह ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में शिकायत की थी। सुनीता सिंह ने बताया कि शिकायत पर तत्कालीन कलेक्टर ऋचा चौधरी ने कार्रवाई करते हुए अजय सेन द्वारा किये गए अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया। कलेक्टर के आदेश पर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया, लेकिन सुनीता सिंह को अपनी ही दुकान की जमीन पर कब्जा करने से पुलिस ने रोक दिया। इस बीच ऋचा चौधरी का तबादला हो गया, इसका फायदा उठाते हुए अजय सेन ने फिर से दुकान का निर्माण कर लिया और उसके बाद से फिर सुनीता सिंह न्याय की गुहार लगाते हुए दर-दर की ठोकरें खा रही है।

सुनीता सिंह ने बताया कि इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री से भी शिकायत की थी, जिसके बाद डेढ़ साल बाद छावनी थाने में उनकी शिकायत पर बयान लेने के लिए बुलाया गया। पुलिस ने उनका बयान लिया लेकिन फिर से मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। सुनीता सिंह का आरोप है कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण अजय सेन के खिलाफ नगर निगम और पुलिस महकमे के हाथ पांव ठंडे पड़ जाते हैं। प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा करवाई नहीं किये जाने के कारण अब परिवार के पालन पोषण के लिए महिला को दर-दर भटकना पड़ रहा है।

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