छत्तीसगढ़ में दिख रहे रहे हैं सतत विकास के संकेतक : संभाग आयुक्त कावरे

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छत्तीसगढ़ में दिख रहे रहे हैं सतत विकास के संकेतक : संभाग आयुक्त कावरे

सतत विकास पर नीति आयोग की कार्यशाला में बोले कलेक्टर गौरव सिंह – विकास के मायने आम आदमी के जीवन में परिवर्तन लाना

रायपुर। न्यू सर्किट हाउस में आज सतत विकास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। इसको संबोधित करते हुए संभागायुक्त श्री महादेव कावरे ने कहा कि सतत विकास का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए सामाजिक और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य बन सके। श्री कावरे ने कहा कि वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ के साथ दो अन्य राज्यों का गठन हुआ था। नए राज्य के उदय के साथ यह विकास की संभावनाएं बनी। छत्तीसगढ़ विविध संसाधनों से परिपूर्ण है और अलग-अलग क्षेत्र में प्रगति होने लगी। उन्होंने कहा कि जब हम राजधानी रायपुर के साथ आसपास के अन्य शहरों में देखते हैं तो दूर-दूर तक पक्के मकान दिखते हैं। यह सब हमारे छत्तीसगढ़ में हो रहे विकास के संकेत हैं। 

राज्य नीति आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने एसडीजी के विभिन्न आयामों को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। उन्होंने गरीबी उन्मूलन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता और आर्थिक विकास जैसे प्रमुख डीजी विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एसडीजी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए जिलास्तर पर ठोस रणनीतियाँ और बहु-क्षेत्रीय समन्वय आवश्यक है।

कलेक्टर डॉ गौरव कुमार सिंह ने कहा कि सतत विकास में सतत का अर्थ निरंतर होता है। ऐसा विकास जो निरतंर हो। विकास का लक्ष्य आम आदमी होना चाहिए। यह सही मायने में तभी होता है जब उनके तक पहंुचे। जिससे उनके जीवन में परिवर्तन परिलक्षित हो। उन्होंने कहा कि सतत विकास के मायने है कि वर्तमान की जरूरतों के साथ लक्ष्यों को पाने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना की आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताएं भी पूरी हो सके। प्रशासन के अधिकारियों को इस दिशा में ही कार्य करना चाहिए। असमानताएं कम करने का प्रयास करते हुए अच्छा स्वास्थ्य, गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा तथा मानव के अच्छे जीवन स्तर को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। कार्यशाला में डॉ. गौरव कुमार सिंह ने सभी प्रतिभागियों को सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में सतत प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर एसडीजी लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिबद्धता और नवाचार की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में राज्य नीति आयोग की टीम द्वारा सतत विकास लक्ष्य अंतर्गत की गई कार्यवाही, अनुश्रवण व अनुशीलन के लिए निर्धारित जिला स्तरीय फ्रेमवर्क डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्कश् के बारे में जानकारी दी गई। राज्य नीति आयोग द्वारा एस डी जी मॉनिटरिंग में विभाग व जिलों को सहायता हेतु तैयार किए गए आईटी टूल एसडीजी डैशबोर्ड के फीचर्स व उपयोगिता के संबंध में हैंडस आन प्रशिक्षण दिया गया। यह कार्यक्रम जिला प्रशासन रायपुर और राज्य नीति आयोग, छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें संभाग के विभिन्न जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों, विभागीय प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में राज्य नीति आयोग  के सदस्य सचिव डॉ. नीतू गोर्डिया उपस्थित थे।

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