महिला सशक्तिकरण की मिसाल: जागृति महिला स्व-सहायता समूह बना आत्मनिर्भरता का प्रतीक

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महिला सशक्तिकरण की मिसाल: जागृति महिला स्व-सहायता समूह बना आत्मनिर्भरता का प्रतीक

महासमुंद की गृहणियों ने पारंपरिक व्यंजनों के व्यवसाय से लिखी सफलता की कहानी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले का जागृति महिला स्व-सहायता समूह आज आत्मनिर्भरता की मिसाल बन गया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की महिला सशक्तिकरण नीतियों और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से इस समूह ने आर्थिक मजबूती की ओर कदम बढ़ाया है।

समूह की अध्यक्ष श्रीमती निरंजना चंद्राकर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की गृहणियों को जोड़कर यह समूह गठित किया गया। प्रारंभ में समूह को छत्तीसगढ़ महिला कोष से केवल 5 हजार रुपए का ऋण मिला था, लेकिन उनकी मेहनत और लगन से यह सफर आगे बढ़ता गया। बाद में उन्हें 10 हजार रुपए, फिर एक लाख रुपए और अब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार से 2 लाख रुपए का ऋण प्राप्त हुआ है। इस आर्थिक सहायता ने समूह की प्रगति को रफ्तार दी और सदस्यों की इच्छाशक्ति को और मजबूत किया। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए किए जा रहे प्रयास के चलते जागृति महिला समूह जैसे कई महिला स्व-सहायता समूह आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यह नारी शक्ति के बुलंद हौसले और उनकी मेहनत का प्रतीक हैं।

जागृति महिला स्व-सहायता समूह छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन तैयार करता है, जिनमें बड़ी, पापड़, अचार, चिप्स, लड्डू, ठेठरी, खुरमी, पपची और अइरसा जैसे स्वादिष्ट व्यंजन शामिल हैं। समूह को स्थानीय ऑर्डर के साथ-साथ शादी, गोद भराई, जन्मोत्सव जैसे समारोहों में भी बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिलते हैं, जिससे उनकी आमदनी में लगातार वृद्धि हो रही है।

समूह की सदस्य श्रीमती गायत्री बाई यादव ने बताया कि महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें हर माह 1,000 रुपए की सहायता राशि प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें 12 किश्तें मिल चुकी हैं, जिसने उनके परिवार को आर्थिक संबल प्रदान किया है। श्रीमती यादव ने भावुक होते हुए बताया, कुछ समय पहले मेरी तबीयत अचानक खराब हो गई थी। उस वक्त महतारी वंदन योजना की राशि हमारे लिए संजीवनी बन गई। इस सहायता से हमने डॉक्टर की फीस और दवाइयां खरीद पाईं, जिससे परिवार को बड़ी राहत मिली।

जागृति महिला स्व-सहायता समूह न सिर्फ अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रहा है, बल्कि स्थानीय समुदाय में प्रेरणा का स्रोत भी बन चुका है। समूह की महिलाएं आज आत्मविश्वास से भरी हुई हैं और अपनी मेहनत से परिवार और समाज में एक नई पहचान बना रही हैं।

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