छत्तीसगढ़ : गणित, जीवविज्ञान, अर्थशास्त्र…सब आसान, ये है युक्तियुक्तकरण का कमाल

HomeMP-Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ : गणित, जीवविज्ञान, अर्थशास्त्र…सब आसान, ये है युक्तियुक्तकरण का कमाल

  • रायगढ़ के खरसिया ब्लॉक के तीन स्कूलों को युक्तियुक्तकरण से मिले 11 विषय-विशेषज्ञ
  • व्याख्याता पठन-पाठन में दिख रहा सकारात्मक असर
  • 29 एकल शिक्षकीय स्कूलों में भी हुई शिक्षकों की पदस्थापना

रायपुर। राज्य शासन की युक्तियुक्तकरण नीति से रायगढ़ जिले के खरसिया विकासखंड के कई स्कूलों में शिक्षा का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। लंबे समय से विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विद्यार्थियों को अब राहत मिली है। युक्तियुक्तकरण के तहत खरसिया ब्लॉक के तीन हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में कुल 11 व्याख्याताओं की पदस्थापना की गई है। इससे न केवल स्कूलों में पढ़ाई की गति तेज हुई है, बल्कि विद्यार्थियों में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ है।

विषय-विशेषज्ञ शिक्षकों की उपलब्धता से छात्रों को अब गणित के जटिल सवाल, जीवविज्ञान के कांसेप्ट और अर्थशास्त्र की गूढ़ थ्योरी को समझने में आसानी हो रही है। विज्ञान और वाणिज्य संकाय के विषयों में विशेषज्ञता बेहद महत्वपूर्ण होती है, जिससे छात्रों की बुनियाद मजबूत होती है। इससे उनकी परीक्षा तैयारी और प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदर्शन दोनों ही बेहतर होने की संभावना है।

शासकीय हाई स्कूल पामगढ़ में अब हिंदी, अर्थशास्त्र और संस्कृत विषयों के लिए व्याख्याता उपलब्ध हैं। शा. हाई स्कूल छोटे मुड़पार में गणित, भूगोल और संस्कृत विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। वहीं नगर पालिका शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खरसिया में इतिहास, हिंदी, गणित, अंग्रेज़ी और जीवविज्ञान के व्याख्याता पदस्थ किए गए हैं।

इसके साथ ही खरसिया ब्लॉक के 29 एकल शिक्षकीय स्कूलों में भी शिक्षकों की नई पदस्थापना की गई है। इससे स्कूलों का संचालन सुव्यवस्थित हुआ है। नए शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ इन स्कूलों में नियमित कक्षाएं लग रही हैं और छात्रों की उपस्थिति में भी वृद्धि देखी जा रही है। पढ़ाई के प्रति उनकी रुचि बढ़ी है और पालकों में भी संतोष का वातावरण है कि अब उनके बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण और मार्गदर्शन मिल रहा है।

युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के माध्यम से उन स्कूलों तक शिक्षकों की पहुंच सुनिश्चित की गई है, जो वर्षों से शिक्षक विहीन या कम शिक्षकों की स्थिति में कार्यरत थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चल रही इस नीति की व्यापक सराहना हो रही है। पालकों और विद्यार्थियों ने इस पहल के लिए शासन का आभार जताया है।

COMMENTS

WORDPRESS: 0
DISQUS: