रायपुर • राज्य सरकार की तरफ से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को गणवेश के रूप में जो साड़ियां वितरित की गई हैं, वह उनके लिए न केवल असहज है, बल्कि पारदर्शी है. उनका कहना है, कि ऐसी साड़ी को पहनकर वे ड्यूटी कर पाने में असमर्थ हैं. स्वयंसेवी के रूप में एक निश्चित मानदेय पर शासकीय कार्य करने वाली इन आंगनबाड़ीकर्मियों ने अपनी व्यथा सरकार से व्यक्त की है.
बिलासपुर जिले में गत 8 अप्रैल 2025 को छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की बिलासपुर परियोजना अध्यक्ष गीतांजलि पांडेय के नेतृत्व में आंगनबाड़ीकर्मियों ने प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है. अध्यक्ष श्रीमती पांडेय ने बताया कि उन्होंने अपने विभागीय कार्यालय के जरिए राज्य सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराने के लिए लिखित पत्र सौंपा है.

न केवल गणवेश, बल्कि सम्मान सुविधा प्रणाली में आ रही तकनीकी दिक्कत, ग्रीष्म काल में आंगनबाड़ी केंद्र की टाइमिंग, अन्य विभागों के अत्यधिक कार्य, कुछ सुपरवाइजर्स के द्वारा जानबूझकर असहज समय में मीटिंग लिए जाने, मानदेय संबंधी विसंगति आदि को लेकर कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपा है.

बिलासपुर में परियोजना अध्यक्ष श्रीमती पांडेय के साथ नीता हुमने (परियोजना सचिव), रीना, रत्ना, रंजना, शकुंतला, वंदना, नम्रता, कौशल्या, नाज़दा, जेबा, मेहरून, सुजाता, कोमल आदि आंगनबाड़ीकर्मियों ने ज्ञापन सौंपा है, वहीं कोटा परियोजना अध्यक्ष साधना बैसवाड़े और सचिव ललिता यादव और कोषाध्यक्ष ओला जायसवाल की अगुवाई में कार्यकर्ता सहायिकाओं ने ज्ञापन सौंपा है.

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