छत्तीसगढ़ : बइगा बनकर फूंकने के बहाने युवती से झोपड़ी में गैंगरेप, नशीली दवा भी पिलाई

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छत्तीसगढ़ : बइगा बनकर फूंकने के बहाने युवती से झोपड़ी में गैंगरेप, नशीली दवा भी पिलाई

रायपुर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में अंधविश्वास की आड़ में इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। झाड़-फूंक के नाम पर एक 28 वर्षीय आदिवासी युवती को नशीली दवा पिलाकर बारी-बारी से गैंगरेप किया गया। वहशी दरिंदों ने युवती को धमकी देकर चुप करा दिया, लेकिन जब उसने 28 फरवरी 2025 को एक बच्चे को जन्म दिया, तो उसकी हिम्मत जवाब दे गई। पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने तांत्रिक किशोर पंडा और उसके साथी दिलेश्वर यादव को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।

ऐसे रची साजिश

हैवानियत की साजिश पीड़िता के अनुसार, पिछले साल जुलाई में उसे पेट दर्द की शिकायत हुई थी। दवाओं से कोई आराम नहीं मिलने पर उसने अपने परिचित दिलेश्वर यादव से मदद मांगी। दिलेश्वर ने उसे झाड़-फूंक के नाम पर जड़ी-बूटी देने का झांसा दिया और 25 जुलाई 2024 की शाम उसे अपनी स्कूटी पर बैठाकर बगीचा क्षेत्र के एक झोपड़ीनुमा ढोंगी धाम में ले गया, जहां पहले से ही तांत्रिक किशोर पंडा मौजूद था।

ऐसे हुई शिकार

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, झोपडी में धोखे से एक गिलास में कथित दवाई पिलाकर युवती को बेहोश कर दिया गया। इसके बाद दोनों आरोपियों ने उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया और धमकी दी कि अगर किसी से भी इस बारे में बताया, तो पूरे परिवार को खत्म कर देंगे। इस खौफ के चलते पीड़िता ने महीनों तक चुप्पी साधे रखी। लेकिन जब उसने बच्चे को जन्म दिया, तो उसके पास सच उजागर करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा।

भाग रहे थे दरिंदे, पुलिस ने दबोचा

पीड़िता की शिकायत पर एसपी शशिमोहन सिंह के निर्देशन में बगीचा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 70(1) के तहत केस दर्ज किया। पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए भागने की फिराक में हैं, लेकिन मुखबिर और साइबर सेल की मदद से पुलिस ने उन्हें धर-दबोचा।

सलाखों के पीछे जुर्म कबूला

पूछताछ में किशोर पंडा और दिलेश्वर यादव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने उनके पास से घटना में इस्तेमाल की गई स्कूटी भी जब्त कर ली है। दोनों आरोपियों को 18 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। इस कार्रवाई में एसडीओपी दिलीप कोसले, निरीक्षक रामसाय पैंकरा, प्र.आर. लक्ष्मण सिंह, आरक्षक विनोद यादव और सीएएफ बल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

सख्त यानी शशिमोहन

महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस एसएसपी शशिमोहन सिंह ने कहा, “महिलाओं के खिलाफ अपराध पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई कर रही है। झाड़-फूंक और अंधविश्वास के नाम पर होने वाले ऐसे जघन्य अपराधों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।”

सवाल

आखिर कब तक महिलाएं अंधविश्वास की बलि चढ़ती रहेंगी? यह घटना एक बड़ा सवाल खड़ा करती है – कब तक समाज में झाड़-फूंक और तंत्र-मंत्र के नाम पर महिलाओं का शोषण होता रहेगा? कब तक ऐसे वहशी दरिंदे भोले-भाले लोगों की आस्था का फायदा उठाकर उनकी जिंदगी बर्बाद करते रहेंगे? यह सिर्फ एक मामला नहीं, बल्कि समाज के उस अंधेरे कोने की एक झलक है, जहां अभी भी अंधविश्वास की आड़ में हैवानियत पल रही है।पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने पीड़िता को न्याय की उम्मीद दी है, लेकिन जरूरत इस बात की है कि ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, ताकि फिर कोई तांत्रिक या ढोंगी किसी मासूम की जिंदगी बर्बाद करने की सोच भी ना सके.

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