आंगनबाड़ी : पोषण आहार वितरण में समस्या, कार्यकर्ता परेशान

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आंगनबाड़ी : पोषण आहार वितरण में समस्या, कार्यकर्ता परेशान

बिलासपुर छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अभी हाल ही में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बांटे गए मोबाइल में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने की बात सामने आई थी. इसके बाद अभी बिलासपुर जिले से एक नई खबर आ रही है. खबर के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्रों से हितग्राहियों को दिए जाने वाले पोषण आहार के वितरण प्रक्रिया में कठिनाई आ रही है. इसे लेकर बिलासपुर में छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिला इकाई ने संचालक के नाम प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.

ज्ञापन में कहा गया है कि आंगनबाड़ी केंद्रों से महिलाओं और बच्चों को पोषण आहार वितरण करने की प्रक्रिया प्रशासन के द्वारा जटिल कर दी गई है. इसके कारण व्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अपने ज्ञापन में इस समस्या के जल्द निराकरण की मांग की है.

छत्तीसगढ़ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के बिलासपुर जिला इकाई की अध्यक्ष भारती मिश्रा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जो मोबाइल बांटे गए हैं, वह पहले से ही खराब पड़े हुए हैं. जैसे-तैसे करके पोषण ट्रैकर ऐप खोलकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा प्रतिदिन जानकारी फीड की जा रही है, क्योंकि कार्यकर्ताओं को कभी मानदेय रोक देने, तो काट देने या फिर बर्खास्तगी आदि की धमकियां सुपरवाइजर और सीडीपीओ की तरफ से मिलती रहती है. ऐसे में कार्यकर्ता किसी भी तरह से मोबाइल की व्यवस्था करके प्रतिदिन पोषण ट्रैकर ऐप में जानकारी अपलोड करती हैं.

इसके उपरांत अब थी टीएचआर (टेक होम राशन) के वितरण प्रणाली में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता/ केंद्र से संबंधित जानकारी के साथ-साथ हितग्राही से संबंधित विस्तृत जानकारी अपलोड करने की जो अनिवार्यता सुनिश्चित की गई है, उसके कारण व्यवहारिक दिक्कत बढ़ गई है.

उन्होंने बताया कि कई हितग्राही के पास मोबाइल उपलब्ध नहीं है. ऐसे में प्रशासन को इस व्यावहारिक दिक्कत की ओर तत्काल ध्यान देना चाहिए.

छत्तीसगढ़ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के बिलासपुर जिला इकाई की अध्यक्ष भारती मिश्रा ने बताया कि उन्होंने जिला प्रशासन को संचालक के नाम ज्ञापन सौंपा है और उन्हें प्रशासन की तरफ से उचित कार्यवाही का आश्वासन मिला है. श्रीमती मिश्रा ने कहा है कि यदि समय पर प्रशासन के द्वारा इसे निराकृत नहीं किया गया, तो बहुत जल्द इस विषय को प्रदेश स्तर पर उठाया जाएगा और राजधानी में एक आंदोलन किया जाएगा, जिसमें पूरे प्रदेश की कार्यकर्ता और सहायिका बहनें शामिल होंगी.

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