रायपुर। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में मानसून का आगमन न केवल प्रकृति को हरा-भरा करता है, बल्कि मौसम में ठंडक और नमी भी लाता है। आजकल लगातार हो रही बारिश के कारण मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है, जिसका असर स्वास्थ्य पर, खासकर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर, पड़ सकता है। गर्भावस्था एक ऐसा समय होता है जब महिलाओं को अपने खानपान और जीवनशैली में विशेष ध्यान देना पड़ता है। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के बरसाती मौसम में नमी, उमस और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए सही खानपान और सावधानियां बरतना अत्यंत आवश्यक है।
खानपान में संतुलन और पोषण
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नूपुर सोनवानी ने बताया कि बरसात के मौसम में गर्भवती महिलाओं को ऐसा आहार लेना चाहिए जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए और पाचन तंत्र को मजबूत रखे। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अनाज जैसे चावल, कोदो, कुटकी, और रागी पौष्टिक और हल्के होते हैं। इनका सेवन दाल-चावल, खिचड़ी या रोटी के रूप में किया जा सकता है। रागी का हलवा या लड्डू भी ऊर्जा प्रदान करता है। मौसमी सब्जियां जैसे लौकी, तोरई, भिंडी और पालक को अच्छी तरह धोकर और पकाकर खाना चाहिए, क्योंकि कच्ची सब्जियों में बैक्टीरिया होने का खतरा रहता है।
प्रोटीन के लिए दालें, छोले, राजमा और सोयाबीन को आहार में शामिल करें। छत्तीसगढ़ में मूंग दाल की खिचड़ी और चना मसाला लोकप्रिय है, जो पचने में आसान और पौष्टिक होता है। आयरन और फोलिक एसिड की पूर्ति के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, अनार, और गुड़ का सेवन लाभकारी है। गर्भवती महिलाओं को विटामिन-सी युक्त फल जैसे संतरा, अमरूद और नींबू पानी पीना चाहिए, क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
तरल पदार्थों का महत्व
बरसाती मौसम में उमस के कारण डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है। गर्भवती महिलाओं को दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना चाहिए। उबला हुआ पानी या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही पिएं, क्योंकि बारिश में पानी दूषित होने की संभावना रहती है। नारियल पानी, नींबू पानी, और हर्बल चाय जैसे अदरक या तुलसी की चाय भी फायदेमंद हैं। हालांकि, बाहर का स्ट्रीट फूड या अनहाइजीनिक पेय पदार्थों से बचना चाहिए।
सावधानियां और स्वच्छता
बरसात के मौसम में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। नमी के कारण फंगल इन्फेक्शन और मच्छरों से होने वाली बीमारियां जैसे डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। घर में मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी बाजू के कपड़े पहनें। खाना हमेशा ताजा और अच्छी तरह पकाकर खाएं। कच्चे सलाद या बासी भोजन से परहेज करें। बरसात में बाहर कम निकलें और अगर निकलें तो छाता और उपयुक्त जूते पहनें ताकि फिसलने या गंदे पानी में पैर पड़ने से बचा जा सके।
मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान
बरसात के मौसम में लगातार बादल और कम धूप के कारण गर्भवती महिलाओं में थकान या उदासी का अनुभव हो सकता है। हल्का व्यायाम, योग या ध्यान से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में लोकगीत और कहानियां सुनना भी मन को सुकून दे सकता है। परिवार के साथ समय बिताएं और सकारात्मक माहौल बनाए रखें।
नए मेहमान के बेहतर भविष्य के लिए ज़रूरी
मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के बरसाती मौसम में गर्भवती महिलाओं को अपने खानपान और सावधानियों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक और संतुलित आहार, स्वच्छता, और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखकर इस खूबसूरत सफर को सुरक्षित और आनंदमय बनाया जा सकता है। स्थानीय खाद्य पदार्थों का उपयोग और सही जीवनशैली अपनाकर गर्भवती महिलाएं स्वस्थ रह सकती हैं और अपने होने वाले बच्चे के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित कर सकती हैं।

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