आंगनबाड़ी : …तो ये है पोषण आहार वितरण की जमीनी हकीकत, कोरबा जिले में भी e-KYC की दिक्कत

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आंगनबाड़ी : …तो ये है पोषण आहार वितरण की जमीनी हकीकत, कोरबा जिले में भी e-KYC की दिक्कत

रायपुर आंगनबाड़ी केंद्रों से महिलाओं और बच्चों को प्रदाय किए जाने वाले पोषण आहार से संबंधित प्रक्रियागत अड़चन की खबरें बिलासपुर जिले में सामने आने के बाद इसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है. इसकी हकीकत जानने के लिए VDO TAB की टीम ने प्रदेश के अंदरूनी इलाकों का दौरा किया, जहां स्थिति चिंताजनक पाई गई. कोरबा जिले के पाली और आसपास के क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इससे बहुत ज्यादा पीड़ित हैं. उन्हें विभाग की ओर से दिए गए मोबाइल की हालत पहले से खराब हुई पड़ी है, उस पर पोषण ट्रैकर ही जैसे-तैसे चल रहा है. अब THR (टेक होम राशन) के लिए ई-केवायसी की अनिवार्यता ने उनकी दिक्कतें और बढ़ा दी है. इससे पात्र हितग्राहियों के पोषण आहार से वंचित होने की भी आशंका जताई जा रही है.

कोरबा जिले के पाली विकासखंड अंतर्गत हरदीबाड़ी, ढोढ़ीपारा, बतरा, लहरापारा, नगराहीपारा, सोनसरी, भदरापारा, धौराडोंगरी, बिजराभौंना, कर्रा-नवापारा, चनवारी,   पोलमी, सिल्ली, उरांवपारा, नानपुलाली, लाफा, मादन, सैला, पोड़ी, दमिया, डोंगानाला, बोदलपारा, बाँधाखार, डूमरकछार आदि कई ऐसे गांव हैं, जहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता THR (टेक होम राशन) के लिए ई-केवायसी की अनिवार्यता से परेशान हैं.

ज्यादातर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की समस्या यह है कि कुछ सालों पहले जो मोबाइल उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विभागीय कार्य के लिए दिया गया था, उस मोबाइल की हालत खराब हो चुकी है, हालांकि कुछ का कहना तो यह भी है बांटे गए मोबाइल शुरू से स्लो थे और ढंग से काम नहीं कर रहे थे.

कोरबा जिले के इन गांवों में से कई में मोबाइल नेटवर्क की भी समस्या है. ऐसे में वे भला किसी का मोबाइल मांग भी लें तो बगैर नेटवर्क के भला सही टाइम पर डाटा कैसे फीड और डिलीवर होगा. फिर भी पोषण ट्रैकर ऐप किसी तरह खोलकर, कहीं दूर जगह पर नेटवर्क खोजकर रूटीन के फोटो और उपस्थिति वगैरह फीड की जाती है.

कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऐसी हैं, जो बहुत ज्यादा गैजेट फ्रेंडली नहीं हैं. वे जैसे-तैसे की-पैड बटन वाला मोबाइल यूज करती हैं, और किसी की मदद से पोषण ट्रैकर ऐप में डाटा फीड करवा लेती हैं, उनके लिए तो THR की ई-केवाईसी किसी सिर दर्द से वैसे भी कम नहीं है.

कोरबा में पिछले कई सालों से कर्मचारी संगठनों से जुड़कर, कर्मचारी हितों में विभिन्न स्तरों पर सक्रिय रहने वाली पाली की प्रतिनिधि श्रीमती प्रतीक्षा शर्मा बताती हैं कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की समस्याओं को विभिन्न अवसरों पर उठाया जाता है. जमीनी स्तर पर आ रही व्यवहारिक कठिनाइयों की तरफ शासन प्रशासन का ध्यान जाना बहुत जरूरी है.

छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की कोरबा जिला अध्यक्ष श्रीमती बीना साहू इस बात की पुष्टि करती हैं कि पूरे जिले में इस समस्या से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जूझ रही हैं.

उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिनों पहले इसे छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की बिलासपुर जिला अध्यक्ष श्रीमती भारती मिश्रा ने महिला एवं बाल विकास विभाग के नाम पत्र सौंपा था.

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