रायपुर. छत्तीसगढ़ में दलित, जनजातीय, पिछड़ा और अति पिछड़ा समुदाय आहिस्ते ही सही, लेकिन अब जागरूक हो रहे हैं. शिक्षा जैसे-जैसे पहुंच रही, और शिक्षा का स्तर जैसे-जैसे ऊपर उठ रहा है, उसके सकारात्मक परिणाम भी देखने मिल रहे हैं. सारथी समाज की एक जागरूक महिला प्रतिनिधि इसी चेतना और पहल की एक नायब उदाहरण बनकर उभर रही है. महिला प्रतिनिधि का नाम सरोज यादवधर सोनवानी है, जो छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की रहने वाली हैं.
रायगढ़, छत्तीसगढ़ का एक आद्योगिक जिला है, जहां शहरी आबादी कम, ग्रामीण आबादी और क्षेत्र का फैलाव ज्यादा है. इस जिले में विभिन्न जाति, धर्म के मानने वाले निवास करते हैं. दलित, आदिवासी और पिछड़ी जातियों की भी यहां उल्लेखनीय जनसंख्या दर्ज की गई है. सरोज यादवधर इस जिले में सारथी समाज के महिला ब्रिगेड की प्रमुख हैं.
आपको बता दें कि सारथी समुदाय पूरे मध्यभारत में फैला है, लेकिन एकजुट रिहायशी कम होने के कारण इस समुदाय के एकमुश्त आबादी और सर्वाधिक बसाहट के स्थान को लेकर कोई स्पष्ट अध्ययन नहीं है. इस जाति को भारत सरकार ने अनुसूचित जाति के अंतर्गत रखा है. इसे सारथी, सहीस, सईस, घासी, घसिया, घसियारा जैसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है.

छत्तीसगढ़ में सारथी समाज के प्रदेश मीडिया प्रभारी शंकर सुमन सारथी बताते हैं, कि रायगढ़ जिले के सारथी समाज महिला ब्रिगेड की सदस्यों ने रायगढ़ में जागरूकता, सहयोग और समाजोत्थान की एक अनोखी पहल की है। इस पहल में महिला ब्रिगेड के द्वारा रायगढ़ नगर की सीमा में रहने वाले सारथी समाज के स्वजातियों की घर पहुंच मदद की जाती है. यह मदद विभिन्न आवश्यकतानुरूप विभिन्न स्वरूपों में की जाती है, मसलन-बच्चों की पढ़ाई, बीमारी का उपचार, महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष, कला, संस्कृति, परंपरा और सामाजिक मूल्यों के प्रति जागरूकता, प्रशिक्षण, रोजगार और वृक्षारोपण संबंधी कार्यक्रम जैसी गतिविधियां की जाती हैं.
सामाजिक उत्थान के लिए इस महत्वपूर्ण अभियान का नेतृत्व करने वाली सारथी समाज महिला ब्रिगेड की अध्यक्ष सरोज कहती हैं कि यह पहल अपने लोगों को सामाजिक और भावनात्मक रूप से एकता के सूत्र में बांधने के लिए की गई है. हमारा उद्देश्य समाज के लोगों की समस्याओं का समाधान करना और उन्हें एकजुट करना है. वे बताती हैं, कि सारथी समाज में कई समस्याएं हैं, जिन्हें हल करने की आवश्यकता है। गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला अधिकार, रोजगार, बाल विवाह, दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार, राजनैतिक जागरूकता, प्रशासनिक समझ और बच्चों की संस्कारपूर्ण परवरिश जैसे अनेक बिंदु हैं, जिन पर जमीनी और ईमानदार काम करने की जरूरत है. सारथी समाज का महिला ब्रिगेड इसी सोच के साथ अपने उद्देश्यों की ओर अग्रसर है.
उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान करने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा. रायगढ़ सारथी समाज महिला ब्रिगेड की सदस्यों ने कहा है कि हमारा उद्देश्य समाज के लोगों की समस्याओं का समाधान करना है. हमारी पहल में समाज के लोगों की समस्याओं को एकत्रित करना और उनका समाधान करना शामिल है. हमें उम्मीद है कि यह पहल समाज के लोगों की समस्याओं का समाधान करने में सफल होगी.
• ब्यूरो रिपोर्ट, छत्तीसगढ़.

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