पंकज कुमार • बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर में एक ऐसा रामसेतु बना है, जो पूरे भारत में अपने तरह का अलग और अनूठा साबित हो रहा है.
अयोध्या में जब 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन हुआ, तब ठीक उसी दिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अंतःसलीला अरपा नदी पर बने पूल का नामकरण (रामसेतु) किया गया. उधर अयोध्या में राममंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ, इधर उसी दिन बिलासपुर में भव्य रामसेतु का नामकरण बिलासपुर के विधायक अमर अग्रवाल के हाथों किया गया.

यह रामसेतु बिलासपुर शहर के बीच में है. असल में अरपा नदी गुजरी ही है शहर के बीच से. यह नदी बिलासपुर शहर के 2 भागों को अलग करते हुए शहर के बीचों बीच से गुजरती है. एक भाग में गुरू घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय, कृषि महाविद्यालय, कैंसर मल्टी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, अपोलो हॉस्पिटल, एसईसीएल मुख्यालय, रामकृष्ण आश्रम आदि स्थित हैं. इस भाग को सरकंडा क्षेत्र कहा जाता है. इसके कुछ हिस्से बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में आते हैं, जबकि दूसरा भाग शहर का आबादी वाला हिस्सा है, जो मूल रूप से शहर है. इस भाग में आपको बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, गोल बाजार, सराफा और थोक के बाजार, हाइकोर्ट और तकरीबन ज्यादातर सरकारी दफ्तर यहीं मिलेंगे. बिलासपुर शहर के इन दोनों भागों के बीच बहती है अरपा नदी, जिसके ऊपर बना है यह राम सेतु.

रामसेतु की दीवारों पर अंकित रामचरित मानस के श्लोक और प्रेरणास्पद पंक्तियां न केवल श्रद्धालुओं को आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि नदी और आसपास के वातावरण को दिव्य भी बना रहे हैं.

22 जनवरी 2025 को राममंदिर निर्माण और इस रामसेतु निर्माण की पहली वर्षगांठ के अवसर पर यहां का वातावरण भव्य और दिव्य रहा. श्रद्धालुओं की खूब भीड़ रही. श्रद्धालुओं को सुरक्षा देने तथा असामाजिक तत्वों को अभिरक्षा देने वाले पुलिसकर्मी भी कुल्फी का आनंद लेते हुए अपनी ड्यूटी करते हुए देखे गए. इस वीडियो में आप बिलासपुर के इस भव्य रामसेतु की सुंदर तस्वीरें देख सकेंगे. जरूर देखिएगा-

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