रायपुर। बलौदाबाजार जिले के एक सरकारी स्कूल में कुत्ते द्वारा जूठा कर दिए गए भोजन बच्चों को परोस दिए जाने का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ हैं, इधर महासमुंद जिले में एक लगभग ऐसा ही मामला सामने आ रहा है। जिस परिसर में सरकारी स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र हैं, उसी परिसर में स्थित सरकारी स्वास्थ्य केंद्र की एक महिला स्वास्थ्यकर्मी ने 2 कुत्ते पाल रखे हैं। उन कुत्तों द्वारा फैलाई गयी गन्दगी के बीच बच्चे मध्यान्ह भोजन करने विवश हैं, ऊपर से कुत्तों के हमले का खतरा अलग बना हुआ है। स्कूल और आंगनबाड़ी के बच्चों के अलावा सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पहुँचने वाली आम जनता भी इन कुत्तों के कारण दहशत में रहती है। हैरानी की बात यह है, कि शिक्षकों और सरपंच की शिकायत के बावजूद महिला स्वास्थ्यकर्मी अपने पालतू कुत्तों को उस परिसर से बाहर नहीं कर रही है। मामला अब एसडीएम तक पहुँच चूका है।
मामला सरायपाली क्षेत्र के परसदा का है। परसदा में उप-स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र एक परिसर में संचालित होते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उप-स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ महिला स्वास्थ्यकर्मी योगिता सेठ ने उस परिसर में 2 कुत्ते पाल रखे हैं। योगिता के दोनों पालतू कुत्ते दिन भर पूरे परिसर में गन्दगी और दहशत फैलाकर रखते हैं। इससे स्वास्थ्य केंद्र पहुँचने वाले ग्रामीण भी ग्रसित हैं, वहीँ स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों का पढ़ना और मध्यान्ह भोजन करना मुश्किल है। शिक्षक-शिक्षिकाएं भी योगिता के पालतू कुत्तों से परेशान हैं। सरपंच ने इसकी शिकायत भी कई बार की, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी योगिता सेठ की जिद्द और अकड़ के सामने सभी नतमस्तक हैं।
खबरों के अनुसार, अब इस मामले की शिकायत एसडीएम, ब्लॉक मेडिकल अफसर और ब्लॉक एजुकेशन अफसर से की गयी है। सरपंच, शिक्षकों और ग्रामीणों ने गुहार लगाई है कि उन्हें योगिता सेठ के कुत्तों से निजात दिलाई जाए या फिर स्वास्थ्यकर्मी योगिता सेठ को उनके दोनों पालतू कुत्तों समेत किसी दूसरे अस्पताल में तबादला कर दिया जाए।

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