रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में दावा किया कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ के बस्तर जंगलों से नक्सलवाद को पूरी तरह उखाड़ फेंका जाएगा। लेकिन प्रदेश के मैदानी इलाकों में एक ही दिन में हुई अपराध की बाढ़ ने इस दावे पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। 12 अगस्त को रायपुर, बिलासपुर, धमतरी, कोरबा, दुर्ग, और सरगुजा जैसे जिलों में हत्या, लूट, चाकूबाजी, और छेड़खानी की घटनाओं ने लोगों में दहशत फैला दी है। क्या यह महज संयोग है, या छत्तीसगढ़ को अशांत करने की कोई सुनियोजित साजिश? आखिर अपराधियों में पुलिस और कानून का खौफ क्यों नहीं है?
एक दिन, अनगिनत वारदातें
12 अगस्त को छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से सामने आई अपराध की घटनाएं रोंगटे खड़े करने वाली हैं। यहाँ उन वारदातों की सूची है, जो एक ही दिन में सामने आईं:
- धमतरी: गुजरा में गाली-गलौज का विरोध करने पर पिता-पुत्र पर चाकू से हमला। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही, एक ढाबे पर मुफ्त खाना खाया, उसके बाद मुफ्त में बीड़ी न मिलने पर नशेड़ी बदमाशों ने तीन लोगों की हत्या कर दी और वीडियो वायरल किया।
- रायपुर:
- पंडरी थाना क्षेत्र में तीन लूटेरों ने एक व्यापारी की कार रोककर कट्टे और चाकू की नोक पर 15 लाख रुपये लूटे।
- चंगोराभांठा में पिज्जा डिलीवरी बॉय की चाकू मारकर हत्या।
- आमासिवनी में शराब लूटने की कोशिश नाकाम होने पर बदमाशों ने एक युवक पर चाकू से हमला किया।
- कैनाल रोड पर शराब के लिए पैसे न देने पर एक युवक पर चाकू से हमला।
- ड्रग तस्करी के मामले में आठ संदिग्ध हिरासत में।
- बिलासपुर:
- टिकरापारा जलाराम मंदिर के पास चार युवकों ने भाई-बहन पर चाकू से हमला किया।
- नागोराव शेष स्कूल के पास एक बदमाश ने दो लोगों पर चाकू से हमला कर फरार हो गया।
- सरकंडा गली नंबर 3 में अनिकेत तिवारी और रौनक साहू ने एक युवक को लूटने की कोशिश की।
- तारबाहर कृष्णा नेत्रालय के पास शराबियों ने पैसे न देने पर एक व्यक्ति पर चाकू से हमला किया।
- मोपका में एक एलआईसी एजेंट के घर से सोने-चांदी के जेवर और 22 हजार रुपये की चोरी।
- सूर्या बार में मैनेजर और उसके साथियों ने ग्राहक के साथ मारपीट की।
- सिम्स मेडिकल कॉलेज के पीछे रिवर व्यू के पास तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने पांच लोगों को घायल किया।
- चकरभाठा में एक भाजपा नेत्री के घर से 45 हजार के जेवर और कीमती सामान चोरी।
- तखतपुर बेलसरी में विवाद के दौरान एक युवक ने समझाने वाले के साथ मारपीट की।
- दुर्ग:
- भिलाई में एक नाबालिग के साथ 10 से अधिक बार बलात्कार, छह लोग गिरफ्तार।
- भिलाई में क्रिप्टो और जमीन निवेश के नाम पर एक करोड़ की ठगी।
- कुम्हारी में चाकूबाजी के विरोध में थाने के सामने प्रदर्शन।
- बस्तर: बोधघाट थाना क्षेत्र में पिस्तौल जैसा हथियार दिखाकर 50 हजार रुपये की लूट, दो गिरफ्तार।
- कांकेर: मरीन ड्राइव पर एक युवक ने सरेआम चाकू लहराया, पुलिस ने पकड़ा।
- बलौदाबाजार: खरोरा गनियारी में एक व्यक्ति तलवार लहराकर लोगों को डरा रहा था।
- महासमुंद: कौंदकेरा में दो पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला किया।
- बालोद:
- परसाडीह गाँव में जालम सिंह ने एक युवती और बीच-बचाव करने वालों के साथ मारपीट की।
- गुंडरदेही में शराब के विवाद में एक व्यक्ति ने अपने साथी पर चाकू से हमला किया।
- लाटाबोड़ में भूपेंद्र साहू ने नर्सिंग छात्रा के साथ छेड़खानी की।
- मानपुर मोहला चौकी: गायब नाबालिग छात्रा के साथ बिलासपुर के कोटा में दुष्कर्म।
- बेमेतरा: चॉइस सेंटर संचालक के नाबालिग बेटे पर मारपीट और मिर्ची पाउडर फेंकने का वीडियो वायरल।
- कोरबा:
- मानिकपुर में एक युवक की लाश मिली, मौत का कारण अज्ञात।
- एक एनीकट में 10 साल के बच्चे की लाश मिली।
- सीएसईबी पुलिस चौकी क्षेत्र में एक महिला के घर में घुसकर मारपीट और लूट।
- नायब तहसीलदार के घर और बीएसएनएल कॉलोनी में चोरी।
- सरगुजा:
- बलरामपुर में उत्तर प्रदेश के बदमाशों ने ग्रामीणों पर लाठी, डंडे और कुल्हाड़ी से हमला किया।
- सीतापुर में बाइकर गैंग ने उत्पात मचाया, एक मासूम बाल-बाल बचा।
- सीतापुर में आदिवासी दिवस पर उमेश प्रधान ने एक आदिवासी युवती के साथ छेड़खानी की।
- सीतापुर के मीना बाजार में दो गुटों में झड़प, शहर में दहशत।
- सीतापुर के बतौली-सेदम में लापरवाह कार चालक ने एक महिला और बच्चे को घसीटा, बच्चे की मौत।
- अंबिकापुर के सीतापुर थाना क्षेत्र में शराब के लिए पैसे न देने पर भाई-बहन की पिटाई।
- जशपुर: पंडरापाठ में एक अधेड़ की टांगी मारकर हत्या।
पुलिस की नाकामी या साजिश का हिस्सा?
इन घटनाओं में सबसे चौंकाने वाली बात है अपराधियों की बेखौफी। धमतरी में हत्यारों ने न केवल अपराध किया, बल्कि उसे रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर वायरल भी किया। रायपुर और बिलासपुर जैसे प्रमुख शहरों में दिनदहाड़े लूट और हत्या की घटनाएं पुलिस की निगरानी और तत्परता पर सवाल उठाती हैं। क्या पुलिस के पास संसाधनों की कमी है, या यह उनकी रणनीति और प्रशिक्षण की नाकामी है? कुछ मामलों में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की, जैसे बस्तर और कांकेर में गिरफ्तारियां, लेकिन ये कार्रवाइयां अपराध को रोकने के बजाय बाद की प्रतिक्रिया मात्र हैं।
क्या यह साजिश है?
एक ही दिन में इतनी बड़ी संख्या में अपराधों का होना संदेह पैदा करता है। क्या यह सब एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा है, जो बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ कार्रवाई से ध्यान हटाने के लिए रची गई है? या फिर यह सामाजिक और आर्थिक कारणों जैसे बेरोजगारी और नशाखोरी का परिणाम है? यह भी संभव है कि अपराधी ताकतें मैदानी इलाकों में अराजकता फैलाकर प्रदेश को अस्थिर करने की कोशिश कर रही हों।
राजनीति और कानून व्यवस्था
कानून व्यवस्था को बनाए रखने में राजनीति की भूमिका अहम है। गृह मंत्री का नक्सलवाद खत्म करने का वादा स्वागत योग्य है, लेकिन मैदानी इलाकों में बढ़ते अपराध इस दावे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं। क्या सरकार का ध्यान केवल नक्सलवाद पर है, और सामान्य अपराधों को नियंत्रित करने की रणनीति कमजोर पड़ रही है? कुछ मामलों में स्थानीय स्तर पर असामाजिक तत्वों को राजनीतिक संरक्षण की आशंका भी सामने आती रही है, जो कानून व्यवस्था को और कमजोर करती है।
रास्ता क्या है?
छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध न केवल पुलिस की निष्क्रियता को उजागर करते हैं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक सुधार की जरूरत को भी रेखांकित करते हैं। पुलिस को और सक्रिय, प्रशिक्षित, और संसाधन-संपन्न बनाने की जरूरत है। साथ ही, सरकार को बेरोजगारी, नशाखोरी, और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों पर ध्यान देना होगा। बस्तर से नक्सलवाद खत्म करना एक बड़ी जीत होगी, लेकिन अगर मैदानी इलाकों में अपराध की आग भड़कती रही, तो यह जीत अधूरी रहेगी। प्रदेश में शांति और सुरक्षा के लिए पुलिस, प्रशासन, और समाज को एकजुट होकर काम करना होगा।

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